बुधवार, 6 अप्रैल 2011

5-KAVITA

नहीं मुमकिन उसे,शब्दों में बाँध पाना,
नहीं मुमकिन उसे ख्वाबों में जान पाना,
तूफ़ान है वो समंदर है,
अहसास की आंधी का किनारा,
वो जिंदगी की रेत का गलीचा,
जिसमे लिखा है नाम मेरा,
तूफा है जो ले जाता है
कुछ नाम भी साथ अपने,
एक तूफा जो ले जाएगा,
लहरों पे गिनते हुए अहसास कुछ,
मेरे अस्तित्व की परिभाषा,
अहसास भर है किसी का,
किन्तु जो मेरा है,वो
 कहा अपना है,
यह अहसास ही तो
 आलम का अजूबा है.
---भारती





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