yeh shabdoan ka saagar hai, yeh sur ka sangam hai, rachna ki pahchaan yahi, yeh jeevan ka aangan hai. Meri kavita need mai upji' chingari ka jeevan hai, nadee samandar mai milti, aisa gahra apnapan hai, mai khoju din raat use' mere andar jo chaaya hai, sabdo ki anubhuti mai, phir usko maine paaya hai. Dr. BHARTI
मंगलवार, 4 दिसंबर 2012
kavita
युग युग से समर्पित,
इक िमसाल ,इक हूक, मतलब केउस पार,,
युग को समरिपत ़
िवशवास ़के
आवाहन का मूक संदेश,
इक िमसाल ,इक हूक, मतलब केउस पार,,
युग को समरिपत ़
िवशवास ़के
आवाहन का मूक संदेश,
कुछ तो था सुदामा,तेरी मौन व्यथा के उस पार
,कृषन न होता तो सुदामा भी न होता,
चला जाता एक वादा परछाइयों के उस पार,
अच्छी है कहानी़़़ ं------
युग बदला,बदले िवशवास,
बदलने लगा आसमान, आसपास,
वहुत कठिन हैं कृष्ऩ ,आज,
कोई वादा आज कर न पायेगा,
मजबूरी है,वह कृष्ऩ है,यह व्यथा,
तू समझ न पायेगा,
वह नहीं सुन पायेगा ,
आवाजों के दौर में इक मूक पुकार,
सुदामा अपने होने का ,
कब तक मूल्य चुकायेगा।
बह रहा समय का पृभाव।
बह रहा समय का पृभाव।।.
,कृषन न होता तो सुदामा भी न होता,
चला जाता एक वादा परछाइयों के उस पार,
अच्छी है कहानी़़़ ं------
युग बदला,बदले िवशवास,
बदलने लगा आसमान, आसपास,
वहुत कठिन हैं कृष्ऩ ,आज,
कोई वादा आज कर न पायेगा,
मजबूरी है,वह कृष्ऩ है,यह व्यथा,
तू समझ न पायेगा,
वह नहीं सुन पायेगा ,
आवाजों के दौर में इक मूक पुकार,
सुदामा अपने होने का ,
कब तक मूल्य चुकायेगा।
बह रहा समय का पृभाव।
बह रहा समय का पृभाव।।.
अमृता
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