रविवार, 3 अप्रैल 2011

2-kavita

वोह अदम्य वोह अगोचर,
वोह अखंडित साहसी,
वोह विश्वास का किनारा,
वोह आस्था का सहारा,
वो पतवार की नाव सी,
एक साहसी हुंकार सी,
एक बूँद आस सी,
वोह धड़कन और श्वाश सी,
वोह ममता का किनारा,
वोह एकलव्य का सहारा,
गिरता,पड़ता, पर सम्हलता
चला जा रहा जीवन पथ पर'
वो एक ज्योति,एक सांस सी,
वो सपनो का सहारा, वो कोशिश का किनारा
वो जीवन की एक मदमस्त राग सी,
वो अहम् ब्रहामास्मी,वो मेरी हर सांस सी.

---भारती



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