कुछ दिमाग
की मेकनिस्म,
कुछ शब्दों का खिलवाड़
रख दिए इस तरह से,
जैसे रखता है एक बच्चा, बड़े सोच समाज के अपने मिटटी के घर की इंटो को
और बना दिया कोई सुन्दर सा संवाद . फिर खुश होना अपने खेलने के अहसास पर ,फिर जीत हुई आज शब्दों की, और एक इमारत खडी हुई विचारों की,
पर शब्दों के पंख कहा जो उड़ कर बैठते . खिड़की पर उन अहसासों की ,जो ता उम्र ना खोज
पाए शब्द अपने लिए,
क्योकि विचारो की उत्तजना ने बंद कर दिया,
भावो की खिड़की और दरवाजे.फिर विजय हुई मश्तिषक की और दिल धरा का धरा रह गया.
कोई बोला सोचना छोड़
दे और समज्हना
सीख जा, क्योकि दिल के दरवाजे बंद है, आत्मा की चिड़िया उदास है, मगर
तू खुश रहना. विचारों का machanism तो तेरे पास है. .
बना देना एक और मका. घर ढूंढ ही लेगा जो आस पास है.
-----भारती
की मेकनिस्म,
कुछ शब्दों का खिलवाड़
रख दिए इस तरह से,
जैसे रखता है एक बच्चा, बड़े सोच समाज के अपने मिटटी के घर की इंटो को
और बना दिया कोई सुन्दर सा संवाद . फिर खुश होना अपने खेलने के अहसास पर ,फिर जीत हुई आज शब्दों की, और एक इमारत खडी हुई विचारों की,
पर शब्दों के पंख कहा जो उड़ कर बैठते . खिड़की पर उन अहसासों की ,जो ता उम्र ना खोज
पाए शब्द अपने लिए,
क्योकि विचारो की उत्तजना ने बंद कर दिया,
भावो की खिड़की और दरवाजे.फिर विजय हुई मश्तिषक की और दिल धरा का धरा रह गया.
कोई बोला सोचना छोड़
दे और समज्हना
सीख जा, क्योकि दिल के दरवाजे बंद है, आत्मा की चिड़िया उदास है, मगर
तू खुश रहना. विचारों का machanism तो तेरे पास है. .
बना देना एक और मका. घर ढूंढ ही लेगा जो आस पास है.
-----भारती
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